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पुस्तकालय सन्दर्भ सेवा के कार्य (Library Reference Service)

 

LME FACTS

सन्दर्भ सेवा के कार्यों को निम्न प्रकार समझा जा सकता है। 


मार्गदर्शनात्मक कार्य 


इसके अन्तर्गत समय-समय पर निम्नांकित मार्गदर्शनात्मक कार्य सम्पन्न किए जाते हैं 


1. पुस्तकों की रचना विधि, उनके विविध प्रकार लेखकों के नाम के विविध रूप आदि से पाठकों को अवगत कराने के लिए प्रदत्त मार्ग-निर्देशन। 


2. पाठकों का भेद, उनकी प्रवृत्ति, स्वभाव, रुचि को समझकर उन्हें अध्ययनशील और. कुशल बनाने और ग्रन्थालय का सदुपयोग करने के लिए समय पर प्रदान किया जाने वाला मार्गदर्शन। 


3. व्यावसायिक जानकारी के लिए आने वाले अथवा उच्च शिक्षा एवं छात्रवृत्ति आदि से पाठकों को अवगत कराने के लिए प्रदत्त मार्ग दर्शन। 


सूचनात्मक कार्य 


पाठकों को अनेकानेक कार्यों के लिए विविध प्रकार की सूचनाओं की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की सूचनाएँ प्रायः सन्दर्भ ग्रन्थों में ही संकलित की जाती हैं। पाठकों की आवश्यकतानुसार सूचनाआ का निर्गमन ही सन्दर्भ ग्रन्थों का प्रमुख कार्य है। 


निरीक्षणात्मक कार्य 


इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य सम्पन्न किए जाते हैं 


•ग्रन्थालय सुविधाओं का सही संगठन 


• सन्दर्भ साहित्य का चयन 


• सन्दर्भ सहायकों का निर्देशन 


• ग्रन्थालयों के पाठकों की आवश्यकताओं अध्ययन 


वाङ्मय सूची सम्बन्धी कार्य 


अनुसन्धान अथवा अन्य जनोपयोगी कार्यों में व्यस्त पाठकों को तत्काल उनके विषय सम्बन्धी पाठ्य सामग्री की जानकारी प्रदान करने हेतु स्वत: अथवा पाठकों की मांग पर अथवा पाठकों की रुचि तथा आवश्यकतानुसार विविध विषयों की वाङ्मय सूचियों के निर्माण का कार्य इसके अन्तर्गत आता है। 


निर्देशात्मक कार्य 


पाठकों को ग्रन्थालय से अधिक लाभ उठाने के लिए तथा अध्ययन व अनुसन्धान कार्यों में 'ग्रन्थालयों को अधिक उपयोगी बनाने के लिए निर्देशात्मक कार्य महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए पाठकों को अपने ग्रन्थालयों से सही तरीके से परिचित कराना. उपलब्ध साहित्य. प्रयक्त विधि, प्रविधि, नियम तथा अपने कर्त्तव्य तथा अधिकार का ज्ञान तथा अन्य प्रमुख ग्रन्थालयों की सूचनाएँ आवश्यक हैं। सन्दर्भ सेवा कार्य के अन्तर्गत प्रत्येक ग्रन्थालय परिचय प्रदान करने की व्यवस्था करता है।


 मूल्यांकन कार्य 


सन्दर्भ सेवा की सफलता पाठ्य सामग्री की प्राप्ति तथा उसमें से सूचना प्राप्ति के सही तरीके पर निर्भर करती है। मात्र किसी निश्चित सूचना की प्राप्ति के लिए सन्दर्भ ग्रन्थों का उपयोग किया जाता है। सन्दर्भ कर्मचारियों द्वारा अपने ग्रन्थालयों में पूछे जाने वाले प्रश्नों अथवा सन्दर्भ ग्रन्थों का चयन करता है। इसलिए कर्मचारी सूचना तथा ग्रन्थ के मूल्यांकन द्वारा ही अपने ग्रन्थालय के सीमित साधनों के द्वारा ही उपयोगी ग्रन्थ का संग्रह किया जाता है। 




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