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आइये पुस्तकालय विज्ञान को आसान बनाये।

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सूचना स्थानान्तरण प्रक्रिया (Information Transfer Process)

 सूचना स्थानान्तरण प्रक्रिया
(Information Transfer Process)
 
सूचना स्थानान्तरण प्रक्रिया

सूचना उत्पादन


किसी भी सूचना का उत्पादन मानव जाति की गतिविधियों और उसके समाज में घटितघटनाओं के परिणामस्वरूप होता है। सच्चाई तो यह है कि यदि कोई घटना या गतिविधिसम्पन्न न होने पाए तो सूचना के उत्पादन की प्रक्रिया भी अधूरी रहती है। सूचना अक्सर अनुसन्धानरत प्रक्रिया, विकासात्मक कार्य, सरकारी कामकाज, सर्वेक्षण जनक कार्य, जनसंख्या जनगणना, व्यापार-वाणिज्य, औद्योगिक संगठन, सांस्कृतिक गतिविधि आदि से उत्पन्न होती है और संवेदनशीलता के आधार पर उनका विस्तार होता है।


सूचना उत्पादन के स्रोत

सूचना उत्पादन के स्रोत के रूप में परम्परागत एवं आधुनिक स्रोतों को शामिल किया जाता है। परम्परागत स्रोतों का वर्णन निम्नवर्णित है


परम्परागत स्रोत


परम्परागत स्रोतों के अन्तर्गत वे समस्त स्रोत शामिल किए जाते हैं, जिनका सम्बन्ध आधुनिक तकनीकी संसाधनों से एकदम नहीं होता है, और यदि थोड़ा बहुत सम्बन्ध देखने को मिलता है, तो वह गौण रूप में होता है। परम्परागत स्रोतों में हस्तलिखित सामग्रियाँ,मन्दिरों की दीवारों पर लिखे लेख, स्तम्भ लेख, गुफाओं के लेख, दन्तकथाएँ, उत्खननसम्बन्धी साक्ष्य आदि हैं। इसके अलावा सिक्के, सिक्कों पर छपी विभिन्न सूचनाएँ, प्रतीकरूप में प्राप्त साक्ष्य आदि भी शामिल किए जाते हैं। सूचना के ये सभी स्रोत जो विभिन्नस्वरूपों में संग्रहित ज्ञान/सूचना उपलब्ध कराकर जनजीवन को उन्नतशील बनाने में सहयोगकरते हैं, पुस्तकालय विज्ञान की महत्ता एवं उसे सूचना के स्रोत के रूप में विस्तार के लिएअद्यतन करते हैं।


आधुनिक स्रोत


सूचना उत्पादन के आधुनिक स्रोत पुस्तकालय विज्ञान के लिए एक तरह से संजीवनी की तरह साबित हुए हैं। वर्तमान में सूचना उत्पादन चक्र में, माध्यम के रूप में, प्रकाशक, लेखक, सम्पादक, वैज्ञानिक, नियोजक, प्रबन्धक, सूचना प्रणालियाँ, कम्प्यूटरप्रोग्रामर एवं कई संगठन संस्थाएँ और नेटवर्क सम्मिलित है, जो नवीन सूचनाओं के उत्पादन हेतु अनुसन्धान और विकास के क्षेत्र में सक्रिय रूप से योगदान कर रहे हैं। आधुनिक स्रोत की वजह से ही आज पुस्तकालय विज्ञान की महत्ता दिन-ब-दिन बढ़ रही है।


सूचना उत्पादन शृंखला के आधुनिक स्रोत के रूप मेंनिम्नलिखित उत्पादक शामिल हैं, जिन्हें सूचना उत्पादन की विधियाँअथवा माध्यम माना जाता है।

लेखक लेखक सूचना के नए आयामों के उत्पादक माने जाते हैं। येवस्तुत: किसी सूचना अथवा सन्देश का सृष्टा होता है। यह ग्रन्थऔर पत्र-पत्रिकाओं में मूल सूचना के प्रणेता के साथ-साथआधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मेल केमाध्यम से भी अपने मूल आलेख या ग्रन्थ को प्रस्तुत करसकता है।


सम्पादक सम्पादक वह व्यक्ति होता है, जो अनेक लेखकों केआलेखों को एaकत्रित करके एक कृति के रूप में प्रकाशन हेतुउत्तरदायी होता है। इस प्रकार के प्रकाशनों को सामूहिक कृति कहाजाता है, जिसमें सम्मेलन कार्यवाहियाँ आदि आते हैं। इस श्रेणी मेंसंकलनकर्ता, अनुवादक आदि भी आते हैं।


प्राथमिक प्रकाशक ऐसे प्रकाशक जो किसी लेखक की कृति कोउपयोगकर्ताओं की अभिपूर्ति हेतु उचित प्रक्रिया के अन्तर्गत उचितस्वरूप में प्रकाशित करते हैं।


द्वितीयक प्रकाशक डेटाबेस उत्पादक ये उपयोगकर्ता को प्रकाशितक्षेत्र की समस्त सूचनाओं की जानकारी उपलब्ध कराते हैं। इनकीभूमिका मौलिक एवं परम्परागत सामग्रियों; जैसे सार, अनुक्रमणिकाआदि को ऑनलाइन विधियों के माध्यम से मूल पाठ की सामग्रियोंके साथ उपलब्ध कराना है। मूल प्रकाशक अपने उत्पादनों याप्रकाशनों को डेटाबेस उत्पादक के पास भेजते हैं।


पुस्तकालय पुस्तकालयों को ज्ञान और सूचना का संग्रहालय भीकहा जाता है। ये विविध प्रकार की अध्ययन एवं सूचना सामग्री कासंग्रहण, प्रक्रियाकरण, संगठन, व्यवस्था और संरक्षण करते हैं तथाउपयोगकर्ताओं को उनकी मांग के अनुसार विभिन्न सेवाओं केमाध्यम से उपलब्ध कराते हैं। ये सूचना श्रृंखला के अन्तर्गत अपनीमहत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते है।"

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